White fungus & Oral cavity
Dr. Shejal Solanki (Dental Surgeon)
Indore, Madhya Pradesh
Amid the steady rise in COVID-19 cases and black fungus cases, reports of a new fungal infection are a cause for concern. Similar to black fungus, white fungus is a fungal infection found in COVID-19 patients with weakened immunity. This is not a new infection. Most fungal infections are caused by Candida albicans. White fungus or Candida also has a major role in causing infection in the mouth.
What is the difference between black fungus and white fungus?
Black fungus enters the body through the nose and is affecting the eyes and brain. But once the white fungus ie Candida comes into the blood, it can spread through the blood to all organs including brain, heart, kidney, bones. Black fungus spreads rapidly from one organ to another through blood. After reaching the brain, it is difficult to save the life of the patient. Whereas the white fungus proceeds by rotting the surrounding organs from where it started. White fungus infection can spread to any part of the body including the skin, tongue, brain, digestive system, kidneys, brain.
Who is at higher risk of white fungus?
People with low immunity are at greater risk. People with pre-existing medical issues with diabetes or people who have been on steroids for a long time are also more likely to become infected with White Fungus. People who are on mechanical ventilation are always at higher risk of getting bacterial or fungal infections.
What are the symptoms of White fungus?
Symptoms of white fungus include severe headache, nasal congestion, vomiting, red eyes and swelling. There is severe pain in the joints. If it has an effect on the brain, then the person's thinking ability is seen to be affected. There is also a problem in speaking. Apart from this, small rashes in the body which are generally painless. In case of any such symptoms, contact a doctor immediately. This infection occurs only when a person comes in direct contact with the fungus.
How does white fungus affect our mouth?
Fungal infections also cause white patches in the mouth. This is called oral candidiasis or oral thrush. It occurs in parts of the tongue, palate or inside the mouth. Oral thrush often occurs in infants and children. You see white or yellow patches on the inner cheeks, tongue, tonsils, gums or lips. The food seems tasteless. The patient has burning sensation, pain, difficulty in swallowing while eating. They also appear with lesions in the middle, white or red marks on the edges. If you see white patches in the mouth, consult a dentist.
How can we prevent the infection starting from mouth (oral cavity)?
• If you need to use a steroid inhaler, be sure to rinse your mouth with water or brush your teeth after taking your medicine.
• Brush your teeth at least twice a day and floss daily.
• Check your dentures. Remove your dentures at night. Make sure the dentures fit properly and do not cause irritation. Clean your denture teeth daily.
• Visit your dentist regularly, especially if you have diabetes or wear dentures.
• Try to limit the amount of sugar-rich foods you eat. These can encourage the growth of candida.
• Do not let the mouth remain dry, drink plenty of water.
• If you have diabetes, keep blood sugar under control.
How can we strengthen our immunity?
Do not smoke, eat a diet rich in fruits and vegetables, exercise regularly, maintain a healthy weight, get enough sleep, take steps to avoid infection such as washing hands frequently, wearing a mask, cooking food properly, Keep the house courtyard clean, try to reduce stress. Be sure to get vaccinated and follow covid appropriate behaviour.
HINDI TRANSLATION
कोविड-19 मामलों में लगातार वृद्धि और ब्लैक फंगस के मामलों के बीच, एक नए फंगल संक्रमण की रिपोर्ट चिंता का कारण है। ब्लैक फंगस के समान, व्हाइट फंगस एक फंगल संक्रमण है, जो कमजोर प्रतिरक्षा वाले कोविड-19 रोगियों में पाया जाता है। यह कोई नया संक्रमण नहीं है। अधिकांश फंगल संक्रमण कैंडिडा एल्बीकैंस के कारण होते हैं| मुंह में संक्रमण पैदा करने में वाइट फंगस या कैंडिडा की भी प्रमुख भूमिका होती है ,आइए डॉक्टर से जानिए व्हाइट फंगस से जुड़े सवालों के जवाब
ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस में क्या अंतर है ?
ब्लैक फंगस नाक से शरीर में आता है और आंख और ब्रेन को प्रभावित कर रहा है. लेकिन व्हाइट फंगस यानी कैंडिडा अगर एक बार खून में आ जाए तो वो खून के जरिए ब्रेन, हार्ट, किडनी, हड्डियों समेत सभी अंगों में फैल सकता है। ब्लैक फंगस ब्लड के जरिए एक से दूसरे अंग में तेजी से फैलता है। ब्रेन में पहुंचने के बाद मरीज की जान बचाना मुश्किल होता है। जबकि व्हाइट फंगस जहां से शुरू होता है, उसी के आसपास के अंगों को सड़ाते हुए आगे बढ़ता है| व्हाइट फंगस संक्रमण त्वचा, जीभ, मस्तिष्क, पाचन तंत्र, गुर्दे, मस्तिष्क सहित शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकता है।
व्हाइट फंगस का अधिक खतरा किन लोगों को है?
कम प्रतिरक्षा वाले लोगों को अधिक जोखिम होता है। मधुमेह या लंबे समय से स्टेरॉयड पर रहने वाले लोगों के साथ पहले से मौजूद चिकित्सा मुद्दों वाले लोग भी व्हाइट फंगस से संक्रमित होने की संभावना रखते हैं।जिन लोगों को मैकेनिकल वेंटिलेशन पर रखा जाता है, उन्हें हमेशा बैक्टीरिया या फंगल संक्रमण होने का अधिक खतरा होता है।
व्हाइट फंगस के लक्षण क्या हैं?
व्हाइट फंगस के लक्षणों में सिर में तेज दर्द, नाक बंद होना , उल्टियां, आंखें लाल होने के साथ सूजन आती है। जोड़ों पर तेज दर्द होता है। ब्रेन पर अगर इसका असर होता है तो व्यक्ति की सोचने समझने की क्षमता पर असर दिखता है। बोलने में भी समस्या होती है। इसके अलावा शरीर में छोटे-छोटे फोड़े जो सामान्यतौर पर दर्द रहित रहते हैं। ऐसे कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डाक्टर से संपर्क करना चाहिए। ये संक्रमण तभी होता है जब इंसान सीधे फंगस के संपर्क में आता है।
व्हाइट फंगस हमारे मुंह को कैसे प्रभावित करता है?
फंगल इंफेक्शन से भी मुंह में सफेद पैच हो जाते हैं। इसे ओरल कैंडिडिआसिस या ओरल थ्रश कहते हैं। यह जीभ, तालु या मुंह के अंदर हिस्सों में होता है। ओरल थ्रश अक्सर शिशुओं और बच्चों में होता है आप आंतरिक गालों, जीभ, टॉन्सिल, मसूड़ों या होठों पर सफेद या पीले धब्बे देखते हैं| खाना बेस्वाद लगता है। मरीज को जलन, दर्द, खाते समय निगलने में समस्या होती है। ये बीच में घाव, किनारों पर सफेद या लाल निशान के साथ भी दिखाई देते हैं। मुंह में सफेद पैच दिखते हैं तो डेंटिस्ट से परामर्श लें।
मुंह (ओरल कैविटी) से शुरू होने वाले संक्रमण को कैसे रोका जा सकता है?
• यदि आपको स्टेरॉइड इनहेलर का उपयोग करने की आवश्यकता है, तो अपनी दवा लेने के बाद अपने मुंह को पानी से कुल्ला करना या अपने दांतों को ब्रश करना सुनिश्चित करें।
• अपने दांतों को दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें और रोज़ाना फ़्लॉस करें ।
• अपने डेन्चर या बत्तीसी की जाँच करें। रात में अपने डेन्चर को हटा दें। सुनिश्चित करें कि डेन्चर ठीक से फिट है और जलन पैदा नहीं करता है। अपने दांतों को रोजाना साफ करें।
• अपने डेंटिस्ट से नियमित रूप से मिलें, खासकर यदि आपको मधुमेह है या डेन्चर पहनते हैं।
• अपने द्वारा खाए जाने वाले चीनी युक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा को सीमित करने का प्रयास करें। ये कैंडिडा के विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं।
• मुंह को सूखा ना रहने दे भरपूर मात्रा में पानी पिए।
• यदि आपको मधुमेह है तो ब्लड शुगर नियंत्रित रखें।
हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे मजबूत कर सकते हैं?
धूम्रपान न करें, फलों और सब्जियों से भरपूर आहार लें, नियमित रूप से व्यायाम करें, स्वस्थ वज़न बनाए रखें,पर्याप्त नींद लें,संक्रमण से बचने के लिए कदम उठाएं जैसे बार-बार हाथ धोना, मास्क लगाना, खाने को अच्छी तरह पकाना,घर आंगन को साफ स्वच्छ रखें ,तनाव कम करने की कोशिश करें। टीकाकरण अवश्य कराएं । टीके आपके शरीर में संक्रमण से लड़ने से पहले आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रमुख बनाते हैं।
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